डॉक्टरों के लिए चुनौती बन रहा चीन से आने वालों का सूचना छिपाने वाला व्यवहार
एक ओर विश्व के 27 देश कोरोना वायरस वुहान स्टेन की चपेट में हैं, दूसरी ओर चीन से भारत आने वालों का सूचना छिपाने वाला व्यवहार और जुगाड़ इनका उपचार करने वाले डॉक्टरों की समझ में नहीं आ रहा है। एक्सपर्ट टीम का कहना है कि डर की वजह से कुछ लोग सामने नहीं आ रहे हैं। जबकि उन्हें सोचना चाहिए कि उनके जीवन के साथ उनके परिवार व समाज को भी वायरस से बचाना जरूरी है। इसलिए जो भी चीन गया है या चीन से आया है, उसे स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करना चाहिए। पीजीआईएमएस रोहतक इनके लिए जल्द ही 24 घंटे, सातों दिन के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी करने की तैयारी में है।
हरियाणा से जनवरी माह में 550 व्यक्ति चीन गए थे, इन सभी के स्वास्थ्य को लेकर विभाग चिंतित है। कोरोना वायरस के उपचार में जुटी एक्सपर्ट टीम के लिए इन सभी के साथ चीन से आने वालों को तलाशना भी चैलेंज बना हुआ है। बताया जा रहा है कि प्रभावित एरिया में प्रतिबंध लगने के बाद कुछ लोग वाया दूसरे देशों के एयरपोर्ट से भारत में आ रहे हैं। ऐसे में सभी के लिए समस्या हो जाती है कि वह किस - किस की बारीकी से जांच करें। अकेले रोहतक जिले की बात करें तो एक युवती समेत पांच लोगों को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनको उनके ही घरों में आइसोलेट कर दिया है। इन्हें 28 दिन तक घर से न निकलने के निर्देश दिए गए हैं। यहां स्वास्थ्य विभाग की समस्या है कि ये लोग निर्देशों को यदि नहीं मानते तो यह अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं। इसके अलावा पहले आ चुके लोग अपने बारे में नहीं बता रहे, जब पता चल रहा है तो देरी से। ऐसे में यदि वह संक्रमित हुए तो कई लोगों को संक्रमित कर देंगे। गौरतलब है कि जिला रोहतक में सेक्टर 14, दुर्गा कालोनी, बाबरा मोहल्ला, हिसार रोड सहित पीजीआईएमएस के एक स्टाफ की बेटी को उनके घरों में आइसोलेट कर दिया गया है।
बाहर से आने वालों का व्यवहार सही नहीं
कोरोना वायरस के लिए तैनात टीम को बाहर से आने वालों का व्यवहार रास नहीं आ रहा है। सूत्रों के अनुसार जांच टीम ने चीन से आए जब एक एमबीबीएस से सवाल पूछने शुरू किए तो उल्टा जवाब मिला कि वह स्वयं डॉक्टर है। उसे वायरस के संबंध में भली भांति पता है। इस पर जांच टीम ने कहा कि वायरस किसी के पेशे को देखकर प्रभावित नहीं करता। तीखे शब्दों का प्रयोग करते हुए उसे जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए गए।
पीजीआईएमएस किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार
पीजीआईएमएस कोरोना वायरस को लेकर किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है। इसके लिए ब्लाक - सी में मरीजों के आने - जाने के गेट तय करने के साथ डॉक्टरों व स्टाफ के भी रास्ते तय कर दिए गए हैं। डॉॅक्टर व स्टाफ डे केयर के रास्ते स्पेशल कमरे में जाएंगे। यहां वह अपनी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट से लैस किट पहनेंगे और एन - 95 मास्क लगा कर ब्लाक - सी में प्रवेश करेंगे। संस्थान ने पीपीई किट 2000 अतिरिक्त मंगाने के आर्डर कर दिये हैं। इसके अलावा मंगलवार को ब्लाक में उपलब्ध दवाओं, मास्क आदि का जायजा लिया गया। इसके अलावा अतिरिक्त नेबुलाइजर खरीदने के लिए डिमांड भेज दी गई है।
मेरी चीन से व अन्य प्रभावित देशों से आने वाले व आ चुके लोगों से अपील है कि वह अपनी सूचना छिपाने की बजाए स्वयं सामने आएं। वह अपनी सेहत के साथ अपने परिजनों व समाज की ओर ध्यान दें। इस समस्या से डरने की बजाए लड़ने की जरूरत है, ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके। चीन से आने वाले सभी व्यक्तियों के सैंपल नहीं लिए जा रहे हैं, उनके लक्षणों को देख कर ही सैंपल लिए जाते हैं। बाहर से आने वालों को सिर्फ घर में रहने को कहा जा रहा है, ताकि वायरस न फैले। सुबह-सायं स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके स्वास्थ्य का अपडेट लेती है।