16 नए सरकारी कॉलेजों के बने भवन, 36 का चल रहा काम, IIT दिल्ली के विस्तार परिसर पर फंसा ये पेंच
सार
- भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में अब तक खोले 52 कॉलेज।
- प्रदेश में कुल 157 सरकारी कॉलेज, जिनमें से सबसे अधिक 8 जींद में।
विस्तार
हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने अपने पहले व दूसरे कार्यकाल में अब तक 52 सरकारी कॉलेज स्थापित किए हैं। इनमें से 30 कॉलेज लड़कियों के हैं। नए सरकारी कॉलेजों में से 16 के भवन बनकर तैयार हो चुके हैं और 36 पर काम चल रहा है। शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने सदन में बताया कि प्रदेश में 157 सरकारी कॉलेज स्थापित हैं, जिनमें से अकेले जींद जिला में 8 कॉलेज हैं।
जींद जिला के गांव पिल्लूखेड़ा में प्रस्तावित राजकीय कन्या कॉलेज की कक्षाएं वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2019-20 से वैकल्पिक भवन में चलाई जा रही हैं। जल्दी इसके भवन का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इसके भवन निर्माण के लिए करीब आठ से दस एकड़ भूमि की आवश्यकता थी। स्थानीय प्रशासन ने नजदीक के गांव जामनी में 8 एकड़ भूमि चिन्हित कर ली है, भूमि के अधिग्रहण के छह माह बाद भवन निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। सोनीपत जिले में 20 सरकारी कॉलेज चल रहे हैं, इनमें से एक कॉलेज गन्नौर में है। सरकार का लक्ष्य 20 किलोमीटर की परिधि में कम से कम एक कॉलेज खोलना है।
मंडोली कॉलेज में 2020-21 से लगेंगी कक्षाएं
शिक्षा मंत्री ने कहा कि होडल विधानसभा क्षेत्र में एक सरकारी कॉलेज खोलने का प्रस्ताव है। इसके लिए जमीन का ले-आउट प्लान बनाया जा रहा है, शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। कॉलेज के लिए आगामी शैक्षणिक सत्र 2020-21 से कक्षाएं शुरू की जाएंगी। जब तक कॉलेज भवन का निर्माण पूरा नहीं होगा तब तक इस कॉलेज की कक्षाएं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मंडोली में लगेंगी।
जींद जिला के गांव पिल्लूखेड़ा में प्रस्तावित राजकीय कन्या कॉलेज की कक्षाएं वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2019-20 से वैकल्पिक भवन में चलाई जा रही हैं। जल्दी इसके भवन का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इसके भवन निर्माण के लिए करीब आठ से दस एकड़ भूमि की आवश्यकता थी। स्थानीय प्रशासन ने नजदीक के गांव जामनी में 8 एकड़ भूमि चिन्हित कर ली है, भूमि के अधिग्रहण के छह माह बाद भवन निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। सोनीपत जिले में 20 सरकारी कॉलेज चल रहे हैं, इनमें से एक कॉलेज गन्नौर में है। सरकार का लक्ष्य 20 किलोमीटर की परिधि में कम से कम एक कॉलेज खोलना है।
मंडोली कॉलेज में 2020-21 से लगेंगी कक्षाएं
शिक्षा मंत्री ने कहा कि होडल विधानसभा क्षेत्र में एक सरकारी कॉलेज खोलने का प्रस्ताव है। इसके लिए जमीन का ले-आउट प्लान बनाया जा रहा है, शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। कॉलेज के लिए आगामी शैक्षणिक सत्र 2020-21 से कक्षाएं शुरू की जाएंगी। जब तक कॉलेज भवन का निर्माण पूरा नहीं होगा तब तक इस कॉलेज की कक्षाएं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मंडोली में लगेंगी।
मंत्री जब होडल के विधायक जगदीश नायर के सवाल का जवाब दे रहे थे तो मंडोली व बड़ोली को लेकर गफलत हो गई। मंत्री मंडोली की जगह बड़ोली बोल गए, जिस पर विधायक ने कहा कि बड़ोली पलवल विधानसभा में है। उनकी मांग मंडोली में कॉलेज की है। जिस पर मंत्री ने विधायक को बुलाकर स्थिति स्पष्ट की। विभाग के अधिकारियों ने बड़ोली की जगह मंडोली के बारे में शिक्षा मंत्री को अवगत कराया।
आईआईटी दिल्ली को स्वीकार नहीं जैव विज्ञान पार्क के लिए दी जमीन
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के विस्तार परिसर बाढ़सा, झज्जर में जैव विज्ञान पार्क स्थापित करने में भूमि का पेंच फंस गया है। आईआईटी दिल्ली को पार्क बनाने के लिए सरकार की ओर से 2011 में दी गई भूमि स्वीकार नहीं है। पूर्व हुड्डा सरकार की ओर से दी गई भूमि में काफी बड़े गड्ढे हैं और इसकी गहराई भी ज्यादा है। इसलिए भूमि को समतल करने में ही बड़ी राशि खर्च हो जाएगी, जिससे प्रोजेक्ट लागत भी बढ़ेगी।
आईआईटी दिल्ली को स्वीकार नहीं जैव विज्ञान पार्क के लिए दी जमीन
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के विस्तार परिसर बाढ़सा, झज्जर में जैव विज्ञान पार्क स्थापित करने में भूमि का पेंच फंस गया है। आईआईटी दिल्ली को पार्क बनाने के लिए सरकार की ओर से 2011 में दी गई भूमि स्वीकार नहीं है। पूर्व हुड्डा सरकार की ओर से दी गई भूमि में काफी बड़े गड्ढे हैं और इसकी गहराई भी ज्यादा है। इसलिए भूमि को समतल करने में ही बड़ी राशि खर्च हो जाएगी, जिससे प्रोजेक्ट लागत भी बढ़ेगी।
तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल के सवाल में यह जानकारी दी। सवाल के जवाब के दौरान विज व भुक्कल में बहस भी हुई। विज ने कहा कि नई भूमि चिन्हित करने के लिए सरकार ने डीसी झज्जर की ड्यूटी लगाई है। नई जमीन का अधिग्रहण होने और आईआईटी द्वारा जमीन स्वीकार करने के तीन साल के अंदर पूरी तरह पार्क बना दिया जाएगा। ग्राम पंचायत बाढ़सा जिला झज्जर की 50 एकड़ भूमि तकनीकी शिक्षा विभाग ने 15.19 करोड़ की लागत से खरीदी थी।
निर्माण कार्य को आईआईटी दिल्ली को अंजाम देना है, इसलिए सरकार भूमि को लेकर दबाव नहीं डाल सकती। इस पर गीता भुक्कल ने कहा कि 21 दिसंबर, 2013 को तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने जैव विज्ञान पार्क की आधारशिला रख दी थी। सात साल बाद भी पार्क का निर्माण नहीं हो पाया है। पूर्व एनडीए सरकार के समय मंत्री सत्यपाल सिंह भूमि मुहैया कराने को लेकर बार-बार पत्र लिख चुके हैं।
बाढ़सा और आसपास सारी जमीन ऐसी ही है, इसलिए गड्ढों को भरा जा सकता है। विज ने जवाब में कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार इस पार्क को लेकर गंभीर नहीं थी। जमीन देखकर देनी चाहिए थी, अपनी जान छुड़ाने के लिए सरकार ने उबड़-खाबड़ जमीन दे दी। इस मामले में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने विज से पूछा कि पार्क कब तक बनेगा, समयबद्ध करें। विज ने पलटवार करते हुए कहा कि ऐसे ही सवाल पूछने के लिए खड़े हो जाते हैं, लिखकर दे दो, जवाब भेज दिया जाएगा।
निर्माण कार्य को आईआईटी दिल्ली को अंजाम देना है, इसलिए सरकार भूमि को लेकर दबाव नहीं डाल सकती। इस पर गीता भुक्कल ने कहा कि 21 दिसंबर, 2013 को तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने जैव विज्ञान पार्क की आधारशिला रख दी थी। सात साल बाद भी पार्क का निर्माण नहीं हो पाया है। पूर्व एनडीए सरकार के समय मंत्री सत्यपाल सिंह भूमि मुहैया कराने को लेकर बार-बार पत्र लिख चुके हैं।
बाढ़सा और आसपास सारी जमीन ऐसी ही है, इसलिए गड्ढों को भरा जा सकता है। विज ने जवाब में कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार इस पार्क को लेकर गंभीर नहीं थी। जमीन देखकर देनी चाहिए थी, अपनी जान छुड़ाने के लिए सरकार ने उबड़-खाबड़ जमीन दे दी। इस मामले में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने विज से पूछा कि पार्क कब तक बनेगा, समयबद्ध करें। विज ने पलटवार करते हुए कहा कि ऐसे ही सवाल पूछने के लिए खड़े हो जाते हैं, लिखकर दे दो, जवाब भेज दिया जाएगा।